- 4 और 5 दिसंबर को फेडरेशन के सदस्य और जोनल महामंत्रियों की वार्ता में बनी सहमति
- फेडरेशन ने वादा खिलाफी पर बुरे परिणाम भुगतने की दी चेतावनी
नई दिल्ली. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) ने 11 दिसंबर से प्रस्तावित वर्क-टू-रूल आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया है. फेडरेशन के नेताओं के अनुसार उनकी मांगों पर रेलवे बोर्ड की ओर से गंभीरता दिखाये जाने पर यह निर्णय लिया गया है. रेलवे यूनियन नेताओ का कहना है कि बोर्ड ने उन्हें साकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है.
अमृतसर में रेलकर्मियों को अपने संबोधन में एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि मंत्रालय के आला अधिकारियों के आश्वासन पर विश्वास कर हमने वर्क-टू-रूल को स्थगित किया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एक माह में सार्थक नजीते नहीं दिखे तो रेलवे प्रशासन को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. शिवगोपाल मिश्रा की माने तो वर्क-टू-रूल को लेकर देश भर में जिस तरह से एआईआरएफ, एनआरएमयू के साथ दूसरे जोन की संबद्ध यूनियनों ने अभियान चलाया उससे रेल प्रशासन बैकफुट पर आ गया था. रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर उन्हें प्रगति से अवगत कराया और विसंगतियों को दूर करने के लिए ठोस कार्रवाई का भरोसा दिया है.
महामंत्री के अनुसार फेडरेशन के कोटा अधिवेशन में वर्क-टू-रूल का फैसला लिया गया था, इसलिए फेडरेशन ने सभी जोनों के महामंत्रियों को वार्ता में आमंत्रित कर बोर्ड के साथ बैठक की. सबका यही मत था कि रेलवे प्रशासन को कुछ समय दिया जाना चाहिए. इसके बाद वर्क-टू-रूल आंदोलन को कुछ समय के लिए स्थगित किया गया है. महामंत्री के अनुसार ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के वर्क-टू-रूल की घोषणा के बाद रेलवे बोर्ड ने गतिरोध को खत्म करने के लिए 4 और 5 दिसंबर को फेडरेशन के सदस्य और जोनल महामंत्रियों के साथ वार्ता की.
इसमें सदस्य कार्मिक एसएन अग्रवाल से लार्सजेस, एक्ट अप्रेंटिस, ट्रैकमैन के 10-20-20-50 फार्मूला, रनिंग एलाउंस, इंसेटिव बोनस, हार्ड एवं रिस्क एलाउंस के अलावा 1800 और 4600 ग्रेड-पे के प्रमोशन पर बात हुई. इस बैठक में अध्यक्ष रखाल दासगुप्ता, कार्यकारी अध्यक्ष एन कन्हैया, महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा, जोनल महामंत्री मुकेश माथुर, के. एल. गुप्ता, आर. डी. यादव, आर. सी. शर्मा, एस. के. बंदोपाध्याय, गौतम मुखर्जी, बसंत चतुर्वेदी, एस. के. त्यागी, मुकेश गालव और वेणु पी. नायर उपस्थित थे.