रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
रेलवे में निजीकरण और भत्तों पर रोक लगाने के सरकार के निर्णय के विरोध में 8 जून सोमवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया. एआईआरएफ के आह्वान पर विभिन्न जोनल मुख्यालय, मंडल और स्टेशनों पर रेलकर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर सरकार के निर्णय का विरोध किया और अपनी नाराजगी जाहिर की. फेडरेशन से समर्थित यूनियनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और आज के दिन को काला दिवस के रूप मे मनाया. हालांकि अब तक रेलकर्मियों के विरोध प्रदर्शन पर रेलमंत्री अथवा रेलवे बोर्ड के चैयरमैन ने कोई टिप्पणी नहीं की गयी है. अलबत्ता एक बार फिर एआईआरएफ की ओ से सरकार को चेतावनी दी गयी है कि यदि भत्तों को पहले की तरह नहीं बहाल किया गया तो 13 लाख रेल कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर होंगे.
रायबरेली में ऑल इंडिया रेलवे मेंस यूनियन और नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के आह्वान पर रेलवे कर्मियों ने काला दिवस मनाकर विरोध-प्रदर्शन किया. रेलकर्मियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कोरोना महामारी को कारण बताकर सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों को आने वाले 18 माह के लिए रोक लगा दी है. विरोध प्रदर्शन में रेलकर्मियों ने मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया.
मल्टी स्किलिंग और कैडर ऑफ मर्जर को लेकर रेल कर्मचारियों को किसी के भी बहकावे में आने की जरूरत नही है. इससे सिर्फ कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ेगा और बड़े पैमाने पर छटनी का रास्ता खुल जाएगा. शिवगोपाल मिश्रा, महामंत्री, एआईआरएफ
वहीं मुरादाबाद में नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन ने सोमवार को मंडल भर में प्रदर्शन किया. इस दौरान रेल कर्मियों ने काला फीता बांधकर विरोध जताया. नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन से जुड़े रेल कर्मचारियों का राष्ट्रीय आह्वान पर पिछले सात दिनों से विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है. रेल यूनियन ने हरथला, स्टेशन, रेल अस्पताल, डीआरएम, कैरिज एंड वैगन समेत अन्य ब्रांचों में विरोध जताया गया.
टाटानगर में फेडरेशन के आह्वान पर मेंस यूनियन ने हर क्षेत्र में कार्य स्थल पर रेलवे कर्मचारियों को काला बिल्ला लगाकर महंगाई भत्ता रोके जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया. विधुत शेड, टाटा यार्ड,मेन कैरेज सिंक लाइन, स्टेशन परिसर रिजर्वेशन आफिस, रेलवे अस्पताल तथा क्रू लावी में गार्ड व चालकों ने सरकार के कदम का विरोध किया. इस दौरान शिवजी शर्मा, जवाहरलाल, सीएस राव, एमके सिंह, अनंत प्रसाद एसके फरिद, बालक दास, एके सिंह, संजय सिंह, बाबू राव, एमपी गुप्ता समेत कई यूनियन नेता मौजूद थे.