- अहमदाबाद मंडल के संकेत एवं दूरसंचार विभाग में बदले की भावना से कर्मचारियों पर साधा जा रहा निशाना
- इंडियन रेलवे एस एडं टी मैंटेनरर्स यूनियन के अनुरोध पर डीआरएम ने लिया संज्ञान तब रद्द हुआ रिलीज का आदेश
- प्रशासनिक इंटरेस्ट बताकर कर्मचारियों पर साधा जा रहा निशाना, बेवजह ट्रांसफर से दहशत में है कर्मचारी
राजेश कुमार, अहमदाबाद
अहमदाबाद मंडल के संकेत एवं दूरसंचार विभाग में इन दिनों अधिकारी उल्टी गंगा बहा रहे है. मनमानी का आलम यह है कि बिना ट्रांसफर के ही कर्मचारियों को रिलीफ कर दिया जा रहा है. ताजा घटनाक्रम साबरमती डिपो के कर्मचारी रमेश पटेल के साथ पेश आया है जिन्हें हाल ही में बिना ट्रांसफर ऑर्डर के ही रिलीव कर विरमगाम भेज दिया गया था. कर्मचारी की सूचना पर इंडियन रेलवे एस एडं टी मैंटेनरर्स यूनियन (IRSTMU) ने मामले में संज्ञान लिया और डीआरएम दीपक कुमार झा के हस्तक्षेप के बाद मनमाने आदेश को रद्द किया जा सका है. IRSTMU के महासचिव आलोक चन्द्र प्रकाश ने बदले की भावना से कर्मचारियों को निशाना बनाये जाने पर चिंता जतायी है. आलोक चंद्र ने कहा कि रेल प्रबंधन के इस कदम से प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच खाई गहरी होगी जिसका असर काम पर पड़ना तय है.
अहमदाबाद मंडल में यह कोई पहला मौका नहीं है जहां कर्मचारियों को बदले की भावना से परेशान किया गया हो. विभाग के कर्मचारी भी यह अब मानने लगे है कि ईमानदारी से काम करने वालों को परेशान किया जा रहा है और प्रशासनिक इंस्टेरेस्ट बताकर उनका ट्रांसफर कराने के नाम पर उन्हें मानसिक रूप से भयादोहित किया जा रहा है. पीड़ित कर्मचारी रमेश भाई पटेल ने इंडियन रेलवे एस एडं टी मैंटेनरर्स यूनियन को बताया कि उनका ट्रांसफर वर्ष 2018 ब्लैक स्मिथ में प्रमोशन के बाद लेटर नं. E/SIG/1130/12 Vol.I के माध्यम से दिनांक 28.05.2018 को हुआ परन्तु पारिवारिक जवाबदारियों को लेकर उन्होंने प्रमोशन नहीं लिया एवं आर्थिक नुकसान सहकर ट्रांसफर नहीं लिया. वर्ष 2019 में वापस उनका प्रमोशन तथा ट्रांसफर पत्र संख्या E/SIG/1130/12/1(Black Smith) दिनांक 20.09.2019 को किया गया परन्तु इस बार दुर्घटना में चोट लग जाने की वजह से ब्लैक स्मिथ का काम कर पाने में उन्होंने असमर्थता जाहिर की.
इसके बाद दिनांक 19.12.2019 को जारी पत्र संख्या E/SIG/839/12/1(Black Smith) में उन्हें दोबारा रिफ्यूजल के लिए एक साल के लिए फिर से डिबार्ड किया गया तथा ब्लैक स्मिथ के दिनांक 28.05.2018 के सेलेक्ट लिए लिस्ट से डिलीट कर दिया गया. परन्तु कहीं भी इस पत्र संख्या E/SIG/839/12/1(Black Smith) में प्रशासनिक आधार पर सेम ग्रेड में उनके ट्रांसफर की बात नहीं लिखीं गई थी इसके बावजूद उन्हें डिपो इंचार्ज अरविंद कुमार ने बदले की भावना से दिनांक 27.12.2019 को पत्र संख्या E/SIG/839/12/1(Black Smith) दिनांक 19.12.2019 of DRM/E/ADI के रेफरेंस से सेम ग्रेड यानी सीनियर हेल्पर में ही विरमगाम के लिए रिलीव कर दिया.
वहीं एक दूसरे मामले में मंडल प्रशासन ने तीन कर्मचारियों बालसंगजी केसाजी, हिरेण डी चावड़ा तथा कमलेश जे सारसव को उनके प्रमोशन नहीं लेने के लिए प्रशासनिक आधार पर सेम ग्रेड में ट्रांसफर पत्र संख्या E/SIG/839/10 Vol.I(ESM) दिनांक 19.12.2019 अनुसार कर दिया गया. परन्तु सवाल तब खड़ा हुआ जबकि बालसंगजी ने बताया कि उनकी नियुक्ति अनुकंपा के आधार पर हुई है और उनकी बूढ़ी मां जो अक्सर बीमार रहने की वज़ह से महेसाना में उनका ईलाज चल रहा है और पूरे परिवार की जवाबदारी उनके ऊपर ही है उन्होंने प्रमोशन के लिए आर्थिक नुकसान के अलावा ग्रेड -II की सम्मान की नौकरी को भी छोड़ दिया तथा जबकि ग्रुप सी में प्रमोशन के बाद भी आज भी उन्हें ग्रुप डी स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए ग्रुप डी का ही कार्य कराया जाता है.
ठीक इसी प्रकार हिरेण डी चावड़ा की भी नियुक्ति अनुकंपा के आधार पर हुई है और उनके परिवार के साथ बूढ़ी मां जो अक्सर बीमार रहती है का ईलाज साबरमती में चल रहा है जिसकी वज़ह से उन्होंने ट्रांसफर तथा प्रमोशन दोनों से आर्थिक नुकसान के बावजूद भी रिफ्यूजल देना उचित समझा. ठीक इसी प्रकार कमलेश जे सारसव को भी प्रमोशन नहीं लेने के लिए सेम ग्रेड में प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर किया गया जो खुद कार्डियक पेशेंट है और अभी हाल ही में हार्ट अटेक भी आ चुका है उन्हें. साल के अंतिम माह में प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर किए जाने से कर्मचारियों के परिवार और बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ने की संभावना उत्पन्न हो गयी है. सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि क्या प्रशासनिक आधार पर किये जाने वाले ट्रांसफर से रेलवे को वित्तीय नुकसान नहीं होगा, जबकि रेलवे वित्तीय मामलों में काफी सख्ती बरत रहा है.
अब सवाल यह उठना हैकि कर्मचारियों के प्रमोशन में रेलवे बोर्ड के निर्देशों की अवहेलना क्यों की जा रही है जबकि बोर्ड ने ही दिनांक 19.06.2018 को पत्र संख्या 2018-E(SCT)I/25/10 जारी कर निर्देश दे रखा है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कर्मचारियों की उनकी पोस्टिंग उनके होम टाउन के पास ही की जानी है. बावजूद प्रशासनिक इंटरेस्ट दिखाकर एक ओर अधिकारी जहां रेलवे को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे है वहीं ट्रांसफर ऑर्डर जारी कर कर्मचारियों को मानसिक तौर पर इसके लिए मजबूर कर देते है कि वह राहत पाने के लिए उनकी अनुचित मांग को भी पूरा करें. इस तरह अघोषित भ्रष्टाचार अहमदाबाद मंडल में बढ़ता जा रहा है.
इस प्रकार के ट्रांसफर से कर्मचारियों में भी दहशत का माहौल है और ट्रांसफर के नाम पर कर्मचारियों को डरा धमका कर जरूरत से ज्यादा काम करवाया जा रहा है. इसके पूर्व भी इसी प्रकार कई सीनियर कर्मचारियों के प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर कर मंडल प्रशासन ने रेलवे को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का काम किया है जिनमें राजेश बोलोवालिया, संतोष गुप्ता, गौरव जादव जैसे कर्मठ कर्मचारी भी शामिल हैं. परन्तु मंडल प्रशासन अपने हंटर का जोर दिखाने की होड़ में रेलवे के आर्थिक नुकसान तथा कर्मचारियों के पारिवारिक जीवन को तहस-नहस करने में लिन है.
फिल्ड में कर्मचारियों की कमी, एसएसई टेलीकाम सुनील शर्मा बजा रहे क्लर्क की ड्यूटी
गौरतलब है कि मंडल कार्यालय में स्थापना संबंधी कार्य सुनील शर्मा देखते हैं जो खुद एस एस ई टेलीकाम हैं परन्तु टेलीकाम का काम छोड़ मंडल कार्यालय में क्लर्क का काम करते हैं. गौरतलब है कि अहमदाबाद मंडल में स्थापना संबंधी कार्यों के निष्पादन के लिए स्थापना विभाग में कर्मचारियों की जबरदस्त कमी की वज़ह से सभी विभागों में क्लर्क का काम फील्ड में कार्य करने वाले कर्मचारियों को ही करना पड़ता है जिसकी वजह से फील्ड में कार्य करने वाले कर्मचारियों की संख्या कम हो जाती है और फील्ड में कार्यरतकर्मचारियों पर अनावश्यक कार्य का दबाव बढ़ जाता है.
सूचनाओं पर आधारित समाचार में किसी सूचना अथवा टिप्पणी का स्वागत है, आप हमें मेल railnewshunt@gmail.com या वाट्सएप 6202266708 पर अपनी प्रतिक्रिया भेज सकते हैं.