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अहमदाबाद आरआरआई में नहीं चलता रेलवे का कानून, ठेंगे पर बोर्ड का दिशा-निर्देश

  • एसएडंटी कर्मचारियों को अनावश्यक रूप से परेशान करने का यूनियन ने जताया विरोध

केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया दिशानिर्देश

रेलहंट ब्यूरो, अहमदाबाद

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर रेलवे बोर्ड ने कुछ खास दिशानिर्देश रेलवे अधिकारियों के लिए जारी किया है ताकि रेलकर्मियों में इसका संक्रमण रोका जा सके. बोर्ड ने अपने निर्देश में यह स्पष्ट किया है कि यदि कोई भी कर्मचारी मधुमेह, सांस की तकलीफ या किसी भी प्रकार की कोई गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो उन्हें बिना किसी मेडिकल सर्टिफिकेट के कमूटेटीव लीव मंजूर किया जायेगा ताकि स्वास्थ्य विभाग पर अनावश्यक कार्य का दबाव ना आये. लेकिन इस निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करने के स्थान पर अहमदाबाद आरआरआई में उसकी अलग से व्याख्या कर दी जा रही है. ऐसे में जानबूझ कर एसएंडटी कर्मचारियों को परेशान करने का आरोप इंडियन रेलवे एसएडंटी मैंटेनर्स यूनियन ने लगाया है. यूनियन की ओर से स्पष्ट कहा गया कि रेलवे बोर्ड के निर्देशों को तोड़कर एसएडंटी कर्मचारियों को अनावश्यक परेशान करने की साजिश रची जा रही है. इससे रेलकर्मी परेशान है और उनके मन में संक्रमण का भय व्याप्त होने लगा है.

यह भी पढ़ें : अहमदाबाद में प्वाइंट्समैन कोरोना पॉजिटिव, पिता की मौत, मां वेंटिलेटर पर, संक्रमण के करीब कई परिवार

मिल रही सूचनाओं के अनुसार आरआरआई अहमदाबाद में एसएडंटी विभाग के पांच कर्मचारियों न सिर्फ एक साथ रेलवे सीक में भेजने के लिए बैक डेट से सर्टिफिकेट जारी करने का एक अधिकारी ने इंचार्ज पर दबाव बनाया बल्कि आरआरआई के कुछ टेक्नीशियनों के ड्यूटी करने के बावजूद उनकी अनुपस्थिति भर दी गई. इतना ही नहीं कुछ कर्मचारी लॉकडाउन डाउन की वज़ह से ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हो पाये तो मास्टर सर्कुलर 10 के नियमों की भी अनदेखी करते हुए उनकी भी अनुपस्थिति भर दी गई तथा फिट सर्टिफिकेट लाने के लिए कर्मचारी को तीन दिन तक दौड़ाया गया.

वहीं एक-दूसरे कर्मचारी को जो लॉकडाउन से पहले से ही छुट्टी पर था परन्तु छुट्टी पूरी होने से पहले ही लॉकडाउन की वज़ह से ड्यूटी पर नहीं आ पा रहा था ,परन्तु किसी भी प्रकार वह कुछ दिनों बाद जब ड्यूटी पर आ गया तो मास्टर सर्कुलर 10 की अनदेखी करते हुए उसकी खुद की छुट्टी लगा दी गई जबकि मास्टर सर्कुलर 10 के अनुसार उसे स्पेशल कैजुअल लीव दी जानी चाहिए थी. इस मुद्दे को लेकर इंडियन रेलवे एस एडं टी मैंटेनरर्स यूनियन के महासचिव आलोक चन्द्र प्रकाश ने सीधे-सीधे आरआरआई अहमदाबाद के इंचार्ज एसके यादव को निशाने पर लेते हुए आवश्यक कार्रवाई की मांग की है. इस मामले में एसएसई का पक्ष नहीं मिल सका है.

कर्मचारियों को नहीं मिल रही PPE, खुद खरीदने की सलाह

अहमदाबाद में कोरोना एक गंभीर महामारी के रूप में सामने आया है. हर दिन कोरोना पाजिटिव की संख्या 250 से ऊपर जा रही है तथा अहमदाबाद स्टेशन के चारों तरफ कोरोना  क्लस्टर डेवलप होता जा रहा है. ऐसे में प्रशासन ने अहमदाबाद स्टेशन की ओर आने वाले रास्तों को सील कर दिया है, इसके बावजूद रेलकर्मी जान जोखिम में डाल कर आरआरआई आदि में ड्यूटी पर पहुंच रहे. वहीं आरोप है कि रेल प्रशासन ने कर्मचारियों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया है. ऑपरेटिंग विभाग के प्वाइंटस मैन तथा एसएडंटी के कर्मचारियों को न तो कोई हैंड सैनेटाइजर, न हैंड वास, न ही मास्क दिया जा रहा है. खानापूर्ति के लिए मात्र एक बार तीनों सामानों की आपूर्ति जरूरी की गयी है लेकिन उसके बाद से उन्हें यह सामान खुद खरीदने की सलाह दी जा रही है. यह स्पष्ट है कि एक मास्क और मात्र दिये गये 100 ml के सैनिटाइजर के भरोसे रेलकर्मी कितने दिन खुद को संक्रमण से बचा सकेंगे. इंडियन रेलवे एस एडं टी मैंटेनरर्स युनियन के महासचिव आलोक चन्द्र प्रकाश ने प्रशासन से तत्काल आरआरआई अहमदाबाद के एस एडं टी कर्मचारियों तथा पोंइटस मैनों के लिए हैंड सैनेटाइजर, हैंड वास तथा मास्क उपलब्ध कराये जाने की मांग की है.

कोरोना रेड जोन में 33% रेलकर्मियों को एशेंसिअल सर्विसेज के लिए बुलाया जाए

इंडियन रेलवे एस एडं टी मैंटेनरर्स यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन कुमार ने रेल मंत्रालय को ट्वीट कर कोरोना प्रभावित क्षेत्रों के अनुसार रेड जोनों में 33%, ऑरेंज जोनों में 50% कर्मचारियों को केवल और केवल आपातकाल तथा अनिवार्य कार्यों में लगाएँ जाने के लिए मांग रखी है. उनका कहना है कि कोरोना प्रभावित रेड जोनों में स्थित गंभीर बनी हुई है और ऐसी परिस्थितियों में रेलवे कर्मचारियों में संक्रमण का भय व्याप्त है, जबकि कई रेल कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो चुकें हैं. संकेत एवं दूरसंचार (S&T) विभाग के सभी स्टेशनों पर बाहर में स्थित लोकेशन,मोटरप्वाइंट बॉक्स को सेनेटाईज करने बाद ही उस बॉक्स में काम कराने तथा स्टेशनों के रेल लाईन के निकट खुले में स्थित लोकेशन बॉक्स को सेनेटाईज करने की व्यवस्था करने की मांग यूनियन की ओर से की गयी है.

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