Connect with us

Hi, what are you looking for?

Rail Hunt

देश-दुनिया

कॉमरेड ने 14/2 में बर्खास्त सहयोगियों की बहाली के लिए छोड़ दी थी रेलवे की नौकरी

  • पुण्यतिथि पर याद किये गये अलारसा के प्रणेता कॉमरेड एसके धर

रेलहंट ब्यूरो, कोलकाता

श्रमिकों के शोषण के खिलाफ व्यवस्था के विरोध में एक संगठित आंदोलन का आगाज करने वाले अलारसा के प्रणेता कॉमरेड एसके धर को उनकी 10वीं पुण्यतिथि पर रेलकर्मियों ने याद किया और श्रद्धांजलि दी. कॉमरेड सरोज कुमार धर ने 1956 में लोको क्लीनर पर रेलवे ज्वाइन करने के बाद से ही रेल श्रमिकों का कम वेतन, अपमानवीय कार्य शर्ते एवं शोषण के खिलाफ श्रमिक आंदोलन की शुरुआत की. कॉमरेड की पहली लड़ाई 1960 की एक दिवसीय देशव्यापी सफल रेल श्रमिक हड़ताल थी जिसमें उन्होंने ERMU के नेता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके बाद त्यागपत्र देकर रेलवे कमीशन, कोलकाता से 1965 में ‘सहायक विधुत चालक’‌ के रूप में दक्षिण पूर्व रेलवे के ‘ अनारा’ मुख्यालय में ज्वाइन किया. यहां उन्होंने रनिंग स्टाफ के कम वेतन, असीमित ड्यूटी, हाफ पैंटवाली वर्दी, चालकों और सहायक चालकों हेतु अलग-अलग रनिंग रूम, 20 किलोग्राम से अधिक के टूल बॉक्स को ढोने की बाध्यता आदि के खिलाफ संघर्ष किया और इसमें बदलाव कर पाने में सफल रहे. कॉमरेड ने देश भर के बिखरे रनिंग कर्मियों को एकजुट करते हुए ट्रेड यूनियन एक्ट के तहत 1970 में विजयवाड़ा अधिवेशन में अलारसा की स्थापना की.

कॉमरेड एसके धर

रेलवे की दमनात्मक कार्यवाही से आंदोलन की उपज का परिणाम 14 दिनों की सफल रेल हड़ताल से सामने आया जब रेल प्रबंधन उनकी मांगों को मानने पर मजबूर हुआ. कॉमरेड धर के नेतृत्व में नेगोसिएशन द्वारा पूरी हड़ताल अवधि को स्पेशियल छुट्टी घोषित कराया गया. छ: सूत्री चार्टर ऑफ डिमांड जो पूरे श्रमिकों के हेतु देशव्यापी 1974की रेल हड़ताल की नीव बना, उनमें सम्मानजनक तनख्वाह, रेल श्रमिकों को बोनस., रनिंग स्टाफ को अधिकतम 8 घंटे ड्युटी तथा इन्टेंसिव केटेगरी, मेडिकल डिकेटेग्राइस होने पर बच्चे को नौकरी, टेरिकोटन कपड़े की वर्दी आदि आज भी कॉमरेड की विशाल दूरदर्शिता का अहसास करता है.

इन मांगों को पूरा कराने हेतु 1974 में रेल संगठनों को मिलाकर NCCRS के गठन के साथ 22 दिनों की सफल हड़ताल में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही. परिणामत तीसरे वेतन आयोग द्वारा रेल श्रमिकों का वेतन सुधार, बोनस हेतु निर्णय हुआ, रनिंग स्टाफ के रनिंग भत्तों हेतु भल्ला कमेटी का गठन हुआ जिसमें हमारे कार्य की विशेषता के आधार पर किमी. सूत्र व पे एलिमेंट की सभी उद्देश्यों हेतु सिफारिशें हुई. 10 धंटे ड्यूटी पर तत्कालित श्रम मंत्री व कॉ. धर की हस्ताक्षर सहित संधि हुई. बाद में 1981 के RAC कमेटी के 12 घंटे ड्युटी के निर्णय के विरोध में हड़ताल हुई लेकिन वह सहयोगियों के ही भीतरघाट का शिकार हो गयी. रेल प्रशासन ने सैकड़ों को 14/2 नियम का हवाला देकर बर्खास्त कर दिया. इसके विरोध में कॉमरेड धर ने रेलवे से त्यागपत्र दे दिया और सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ाई लड़कर एरियर्स के साथ बर्खास्त रेलकर्मियों की पुनः बहाली सुनिश्चित करायी. उन्होंने 14/2 के प्रभाव को भी निरस्त कराया.

पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद अन्याय के विरुद्ध रनिंग आंदोलन को पुनः संगठित कर दिल्ली की महारैली व धरने में करीब 11000 साथियों की उपस्थिति द्वारा तत्कालीन रेलमंत्री श्री नीतीश कुमार के साथ वार्ता में रेलकर्मियों की मांगों को मनवाया. जिससे माइलेज बढ़ोतरी व 1 जनवरी 1996 से एरियर्स मिला, पदनाम ‘ लोको पायलट’ होना, VRS पर बच्चे की नौकरी, रनिंग रूम में दो बिस्तर का कमरा साथ ही एअर कूल्ड आदि की सुविधा मिल सकी. 2005 में RAC 2002 की रनिंग के पे एलिमेंट की मात्रा को घटाने की सिफारिश ( 30% को 10% तक 55% को 20%) को तत्कालीन रेलमंत्री लालू यादव से वार्ता कर रूकवाया जिसमें AIGC भी संयुक्त रूप से शामिल थी.

इस कॉमरेड धर का संपूर्ण जीवन श्रमिक वर्ग हेतु समर्पित रहा. रेल प्रशासन से बिना कोई सुविधा लेते हुए अतिंम सांस तक रेल श्रमिकों हेतु लड़ते रहे और सबके दिलों में बस गए. जो देश के श्रमिकों तथा श्रमिक नेताओं के सामने सदा आदर्श बने रहेंगे. उनका सपना था कि संगठन को मजबूती देने हेतु हमारा अपना निजी कार्यालय हों जिसे उन्होंने दिल्ली के गाजियाबाद में केंद्रीय कार्यालय के रूप में स्थापित किया. आज कॉमरेड हमारे बीच नहीं रहे पर उनके सपने को साकार दक्षिण रेलवे जोन के एर्नाकुलम स्टेशन के पास तीन मंजिला अलारसा भवन का निर्माण कराकर किया गया. कराया इसका उदघाटन कॉम वासुदेव आचार्य ने किया था. एक संघर्षमय जीवन जीने वाला यह सितारा 15 सितंबर 2008 को अस्त हो गया.

आज के परिप्रेक्ष्य में जब श्रमिक वर्ग पर चौतरफा हमले हो रहे हैं कॉमरेड धर जैसे नेताओं का त्याग व तपस्या से युक्त जीवन नयी पीढ़ी को सही दिशा देगा और उनके द्वारा दर्शाए मार्ग पर चलकर श्रमिक वर्ग के बीच व्यापक एकता प्रदर्शित करना और निरंतर संघर्ष का संकल्प लेना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी. रेलहंट की ओर से कॉमरेड एसके धर को विनम्र श्रद्धांजलि.

यह विचार सोशल मीडिया पर पारस कुमार द्वारा कॉमरेड धर को दी गयी श्रद्धांजलि का हिस्सा है,पारस कुमार,अलारसा के केन्द्रीय संगठन सचिव है.

Spread the love
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

ताजा खबरें

You May Also Like

रेल यात्री

RAC के यात्रियों के साथ बड़े गोलमाल की आशंका, रेलवे के सिस्टम पर भी उठ रहे सवाल  PATANA. राजेन्द्र नगर स्टेशन से नई दिल्ली...

रेलवे जोन / बोर्ड

नई दिल्ली रेलवे बोर्ड में मिलेगा कार्यालय एवं सीनियर ऑफिसर्स के साथ इनफॉर्मल मीटिंग की सुविधा  NEW DELHI. भारतीय रेलवे मजदूर संघ को रेलवे...

रेलवे जोन / बोर्ड

रेलवे बोर्ड की किसी भी गाइड लाइन को नहीं मानता दानापुर का अभियंत्रण विभाग  तबादला आदेश जारी होने के बाद ताबड़तोड़ बनाये बिल-बाउचर जांच...

रेल यात्री

पुणे-दानापुर एक्सप्रेस 12149 की घटना, जबलपुर में कोच जांच के दौरान हुआ खुलासा, पूछताछ जारी  JABALPUR. जबलपुर में कोच की जांच के दौरान एक...