खंडवा. एक कहावत-‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोई’, मंगलवार को तब चरितार्थ हुई जब मध्य प्रदेश के खंडवा जंक्शन से करीब तीन किलोमीटर दूर आबना नदी के पास किसी ने दो साल की बच्ची को ट्रेन से फेंक दिया. 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गुजर रही ट्रेन के नीचे गहरी आबना नदी के बीच ब्रिज में फंसकर बच्ची की जान बच गई. उसके सिर में गंभीर चोट आई है. खंडवा जिला अस्पताल में उसका उपचार किया जा रहा है.
मंगलवार सुबह करीब 10 बजे रेलवे ट्रैक पर चेकिंग के दौरान चाबीमैन सतीश प्रभाकर को बच्ची दिखी. उसने दूसरे चाबीमैन को ड्यूटी पर भेजने को कहा और डायल 100 को कॉल किया. वह डायल 100 के जरिये उसको लेकर अस्पताल पहुंचे. यहां जैसे ही पता चला कि बच्ची अज्ञात है और उसके साथ माता-पिता नहीं हैं तो नर्सिग स्टाफ और अन्य मरीज परिजन बन गए. उसका नाम ‘मिलू’ रखा गया. मरीज भी उसके लिए बिस्किट, कपड़े और खिलौने लाने में जुट गए.
बच्ची को सबसे पहले फीमेल मेडिकल वार्ड में भर्ती किया गया. यहां भर्ती महिलाओं को जैसे ही पता चला कि मासूम के साथ कोई नहीं है तो सभी का ममत्व जाग गया. वह उसके पास आ गईं और इलाज में मदद करने लगीं. नर्सिग स्टाफ ने तुरंत बालिका की ड्रेसिंग की. उसने सिर में गंभीर चोट आई हैं. रेल पुलिस एएसआइ बीएस बघेल ने बताया कि बच्ची को ट्रेन से फेंके जाने और गिरने दोनों बिंदुओं पर जांच कर रहे हैं. अब तक किसी ने ट्रेन से गिरने या गुम होने की सूचना नहीं दी है.