- टेल्को के जेम्को क्षेत्र से दो दिन पहले नाटकीय ढंग से हुई थी स्क्रैप माफिया अशोक यादव की गिरफ्तारी
- आदित्यपुर आरपीएफ की जांच ने बढ़ायी टाटानगर में टेंशन, सीआईबी इंस्पेक्टर भी सवालों के घेरे में
जमशेदपुर. रेलवे सुरक्षा बल (RPF) आदित्यपुर पोस्ट की कार्रवाई में पकड़ा गया जमशेदुपर का स्क्रैप माफिया अशोक यादव अब रेलवे सुरक्षा बल के गले की फांस बनता जा रहा है. पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि टाटानगर यार्ड से रेलवे वैगनों से फिटिंग्स को तोड़कर पहले स्क्रैप किया जाता है फिर इसे सुनियोजित तरीके से रेलवे क्षेत्र में संचालित अशोक यादव और दिलीप जायसवाल के टालों तक पहुंचाया दिया जाता था. रेलहंट को इससे जुड़ी कुछ तस्वीर व वीडियो फुटेज भी मिले है. बताया जा रहा है कि यह काम लंबे समय से चल रहा है. आदित्यपुर आरपीएफ की जांच ने जहां ओर टाटानगर आरपीएफ की टेंशन बढ़ा दी है वहीं आरपीएफ सीआईबी की सक्रियता व कार्यप्रणाली को भी सवालों में खड़ा कर दिया है.
मालूम हो कि 11 जनवरी 2025 को आदित्यपुर आरपीएफ की टीम ने गुप्त सूचना पर सुंदरनगर में राजेंद्र सोनकर के स्क्रैप टाल में छापामारी की थी. इसमें एक टाटा एस मालवाहक वाहन से टाल में उतारा जा रहा करीब ढाई टन रेलवे स्क्रैप जब्त किया था. इसमें वैगन से काटे गए पुर्जे आदि थे. यह माल जेम्को स्थित अशोक यादव के टाल से उसी के वाहन पर सुंदरनगर में राजेंद्र सोनकर के टाल तक पहुंचाया गया था. इस छापेमारी में सोनकर का मुंशी दीनानाथ झा, वाहन चालक शंकर साहू, हेल्पर रवि मुंडा को पकड़ा गया. पूछताछ के बाद आरपीएफ ने जेम्काे में धावा बोला और यहां से अशोक यादव के मुंशी मिट्ठू मछुआ को पकड़ा.
रेल संपत्ति चोरी और बड़ी बरामदगी के बाद से ही आदित्यपुर आरपीएफ फरार दोनों स्क्रैप टाल संचालकों की खोज कर रही थी. इस बीच आदित्यपुर आरपीएफ प्रभारी अजीत कुमार सिंह को अशोक यादव के एक निश्चित समय पर हर दिन टाल में आने की खबर मिली. 21 जनवरी मंगलवार की सुबह चार घंटे की मशक्कत के बाद अशोक यादव को नाटकीय अंदाज में आदित्यपुर आरपीएफ की टीम ने जेम्को से उठा लिया. यह वही अशोक यादव है जिसके जेम्को स्थित टाल से जुलाई 2024 में साढ़े तीन टन रेलवे स्क्रैप जब्त किया गया था. उस समय इसका सहयोगी मन्नू तो पकड़ा गया लेकिन अशोक यादव दिलचस्प रूप से फरार हो गया और फरारी अवधि में ही उसने जमानत ले ली थी.
टाटा आरपीएफ और सीआईबी को भनक तक नहीं लगी !
दिलचस्प बात थी कि टाटानगर आरपीएफ के क्षेत्राधिकार में आदित्यपुर आरपीएफ की टीम ने दो दिनों की छापेमारी में स्थानीय पुलिस अथवा टाटानगर आरपीएफ को कार्रवाई से दूर ही रखा. आरपीएफ सीआईबी के लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी. आशोक यादव पर टाटानगर आरपीएफ पोस्ट में आरपीयूपी एक्ट के एक मामले में वारंट जारी था. बावजूद वह हर दिन स्क्रैप टाल में आकर बैठता था. अशोक यादव रेलवे स्क्रैप के चोरी के मामले में 1997 में टाटा पोस्ट के केस में सजायाफ्ता है. टाटा, आदित्यपुर, डांगुवापासी समेत कई पोस्ट में उसके खिलाफ दर्जनों मामले लंबित हैं.
चोरी से अधिक हो रही बरामदगी, जांच आगे बढ़ी तो …
टाटानगर आरपीएफ, आदित्यपुर आरपीएफ की टीम ने बीते कुछ महीनों में इतना स्क्रैप बरामद किया है जितना की रिपोर्ट भी रेलवे क्षेत्र में चोरी की नहीं की गयी है. सवाल यह उठता है कि आखिर यह माल कहां से आया ? रेलवे यार्ड से चोरी हुई थी तो उसकी रिपोर्ट क्यों नहीं की गयी ? रेलहंट के सामने कुछ तस्वीर और वीडियो फुटेज आये है जिसमें रेलवे लाइन पर मालगाड़ी के फिटिंग्स तोड़कर रखे गये दिखाई पड़ रहे. (यह तस्वीर कहां के हैं इसके सत्यता की पुष्टि रेलहंट नहीं करता है.) इसे लाइन से निकालकर बाहर रिक्शा पर लाया जा रहा है जहां से अशोक यादव के तथाकथित मुंशी की निगरानी में उसे ले जाया जा रहा है. कहां जा रहा है कि यह फिटिंग्स जेम्को स्थित अशोक यादव टाल में भी दिखाई पड़ रहे हैं? अगर अनुसंधान की दशा और दिशा सही रही तो रेलवे स्क्रैप की चोरी के गोलमाल की यह जांच कई आरपीएफ अधिकारी व जवानों की वर्दी को दागदार कर सकती है. …. जारी