MUMBAI. उद्योगपति रतन टाटा का निधन (Ratan Tata Passed Away) हो गया है. वे 86 साल के थे. देश के सबसे बड़े कारोबारी ट्रस्ट टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बढ़ती उम्र के कारण उन्हें कई तरह की परेशानियां थीं. काफी समय से उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने की मांग की जा रही थी. रतन टाटा के लिए देशभर के लोगों में असीम सम्मान था. टाटा समूह ने रतन टाटा के निधन की पुष्टि की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रतन टाटा के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने अपनी एक पोस्ट में रतन टाटा को दूरदर्शी बिजनेस लीडर, एक दयालु व्यक्ति और असाधारण इंसान बताया. टाटा संस के रिटायर्ड अध्यक्ष रतन टाटा को भारतीय रेल की इनोवेटिव काउंसिल ‘कायाकल्प’ का अध्यक्ष बनाया गया था. तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने 2015 में काउंसिल का गठन किया और टाटा को उसका अध्यक्ष नियुक्त किया.
काउंसिल भारतीय रेल में सुधार के लिए नए उपायों का सुझाव देने के लिए बनायी गयी थी. काउंसिल में ऑल इंडिया रेलवेमैंस फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्र और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन के महासचिव एम राघवैया भी शामिल थे. 26 फरवरी 2015 को रेल बजट पेश करते हुए प्रभु ने कहा था, ‘हर सक्रिय और बेहतर काम करने वाले संगठन को अपने कामकाज के तरीकों में नए आइडियों के साथ सुधार करना होता है. इस तरह रतन टाटा को एनोवेटिव काउंसिल ”कायाकल्प” का अध्यक्ष बनाया गया था.
13 मई 2015 को काउंसिल की पहली बैठक में रतन टाटा ने कहा था कि परिषद सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम करेगी और भारतीय रेलवे की बेहतरी के लिए एकमत होगी तथा इसमें किसी के साथ कोई मतभेद नहीं होगा क्योंकि रेलवे को बेहतर बनाने का उद्देश्य साझा है. उन्होंने कहा कि उपकरणों, प्रक्रियाओं, कार्यप्रणालियों, उपभोक्ता स्वीकृति आदि जैसे विभिन्न पहलुओं में छोटे-छोटे सुधारों को दर्शाना भी उपयोगी होगा.
रतन टाटा को विनम्र श्रद्धांजलि !