NEW DELHI. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नौ राज्यों में लगभग 2339 किलोमीटर रेलवे लाइनों के विस्तार वाली सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. इन योजनाओं पर 32,500 करोड़ रुपए खर्च होंगे. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि योजनाओं के पूरा होने के बाद माल एवं यात्री परिवहन की सुविधा और बेहतर हो जायेगी.
पीआईबी द्वारा जारी सूचना के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने सभी सात रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बार में जारी बयान में कहा कि शत प्रतिशत केन्द्रीय वित्तपोषण वाली इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों पर ढांचागत विकास किया जा सकेगा जिससे रेलवे परिचालन में आसानी होगी.
बताया जाता है कि इस प्रोजेक्ट में 4,195 करोड़ की लागत से पूरे भारत में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की तैयारी भी शामिल है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट अमृत भारत स्टेशन योजना (Amrit Bharat Station Scheme) का हिस्सा है. कुल 32500 करोड़ की लागत वाली सात योजनाओं से करीब 7 करोड़ लोगों को रोजगार मिलने की बात कही जा रही है.
रेलमंत्री ने क्या कहां – सुने
रेल मंत्री ने बताया कि स्वीकृत योजनाओं में गोरखपुर-बाल्मीकिनगर (99 किलोमीटर) दोहरीकरण, चोपन-चुनार (102 किलोमीटर) दोहरीकरण, तेलंंगाना में गुंटूर-बीबीनगर (239 किलोमीटर), मुडखेड-मेडचल और महबूबनगर-धोन (417.68 किलाेमीटर) का दोहरीकरण, नेरगुंडी-बारंग एवं खुर्दा रोड-विजयनगरम (385 किलोमीटर) तीसरी लाइन, गुजरात में सामख्याली-गांधीधाम (52 किलोमीटर) तीसरी एवं चौथी लाइन तथा बिहार के सोन नगर-अंडाल (पश्चिम बंगाल) (374 किलोमीटर) तीसरी एवं चौथी लाइन बिछाने की मंजूरी शामिल है.
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार के लिए 14,903 करोड़ रुपये रुपये की मंजूरी दी.
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