- 26 हजार चादर, 1080 कंबल, 2700 तौलिये और 200 तकिये का कवर चोरी
रेलवे के एसी कोच से एक महीने में अगर 30 हजार से अधिक कंबल और चादर चोरी हो जाये तो यह हैरानी की बात लगती है लेकिन ऐसा हुआ है. यह माना जाता है कि एसी कोच में सक्षम लोग ही सफर करते है ऐसे में जब इन लोगों का ईमान डोल रहा है तो गरीबों की कौन कहें. रेलवे के रिकार्ड और मीडिया में आयी खबरों के अनुसार चोरी की वारदात नौ अलग-अलग ट्रेनों के एसी कोच में दर्ज की गयी है.
यह चोरियां एक माह के दर्ज की गयी. इनमें तौलिया से लेकर चादर, कंबल तकिए कवर तक शामिल है. मीडिया रिपाेर्ट के अनुसार झांसी रेलमंडल में ट्रेनों में चादर, कंबल, तौलिये और तकियों के कवर चोरी मामले अप्रैल माह में दर्ज किये गये है. हालांकि यह हाल देश के विभिन्न स्टेशनों से चलने वाली ट्रेनों में जारी है लेकिन अब तक उनकी रिपोर्ट नहीं आया.
रेलवे के जानकारों की माने तो झांसी डिवीजन में अप्रैल माह में 9 ट्रेनों से 26 हजार चादर, 1080 कंबल, 2700 तौलिया और 200 तकिया का कवर चोरी हुआ है. अनुमान लगाया जाये तो औसतन हर ट्रिप में 95 चादर, 4 कंबल, 10 तौलिये और 3 तकिया कवर चोरी हो गया है. ये चोरियां झांसी-कोलकाता एक्सप्रेस, झांसी-पुणे एक्सप्रेस, झांसी-बांद्रा एक्सप्रेस, बुंदेलखंड एक्सप्रेस, झांसी-लखनऊ इंटरसिटी, खजुराहो-कुरुक्षेत्र एक्सप्रेस, झांसी-इटावा एक्सप्रेस, उदयपुर-खजुराहो एक्सप्रेस और चंबल एक्सप्रेस ट्रेनों के एसी कोचों से हुई है.
झांसी रेल मंडल के सीनियर डीसीएम मनोज कुमार सिंह की माने तो एसी कोच से बेड रोल गायब होने से यात्रियों को ही परेशानी हो रही है. रेलवे इसके लिए अभियान चला रही है और बेडरोल चोरी करने वालों पर आरपीयूपी एक्ट के तहत केस दर्ज किया जायेगा. हालांकि अनुबंध के तहत चोरी के बाद इसकी कीमत रेलवे के उस ठेकेदार को भरना पड़ता है जो उस ट्रेन में बेडरोल की जिम्मेदारी संभाल रहा है. यानि चोरियों से रेलवे का नुकसान तो नहीं हो रहा है लेकिन इससे परेशानी जरूर उत्पन्न हो रही है.