- बड़े गोलमाल में आला अधिकारियों को बचाने के लिए कर्मचारी को बना दिया बली का बकरा
- 64 पुलों का गार्डर बदलकर रेलवे बोर्ड की ईयर बुक में नाम दर्ज करा चुका है रतलाम
रेलहंट ब्यूरो, भोपाल
पश्चिम रेलवे में समय से पहले, बड़े काम पूरा करने के लिए मशहूर रतलाम रेल मंडल ने एक और रिकॉर्ड कायम किया है. मंडल में दो साल के अंतराल पर अतिथि सत्कार के नाम पर 30 लाख से अधिक की राशि खर्च कर दी गयी है. यह उन आयोजनों पर खर्च दिखाये गये है जिनमें आला रेलवे अधिकारी यहां दौरा करने आये हैं. माना जा रहा है कि अतिथि सत्कार के नाम पर खर्च दिखाने में भ्रष्टाचार किया गया है. सितंबर माह में मुंबई से आये दो सदस्यीय विजिलेंस टीम ने कमर्शियल विभाग के इस गोलमाल को पकड़ा और कागजात जब्त कर जांच शुरू की. बताया जाता है कि जांच में कई दूसरे बड़े खुलासे भी हुए है. एक वेब चैनल ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा है. दिलचस्प बात यह है इस बड़े गोलमाल में किसी आला अधिकारी को आरोपी नहीं बनाया गया है बल्कि एक कनीय कर्मचारी को बली का बकरा बनाकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया जा रहा है. बताते चले कि रतलाम रेल मंडल ने एक साल में 50 से ज्यादा बड़े ब्रिजों के गर्डर बदलकर रेलवे बोर्ड की ईयर बुक में इस साल ही नाम दर्ज कराया है.
इसमें बताया गया है कि रतलाम मंडल में 2017 से अगस्त 2019 तक अतिथि सत्कार के नाम पर 30 लाख रुपए खर्च किये गये है जो वास्तविक खर्च की गयी राशि से काफी अधिक है. इन आयोजनों में 17 मार्च 2018 को रेलमंत्री पीयूष गोयल के दौरे को भी शामिल किया गया है जिसमें रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम और 19 फरवरी 2019 को कालाकुंड में आयोजित प्रेस टूर भी शामिल है. विजिलेंस जांच में अनियमितता पाये जाने के बाद वाणिज्य विभाग के कार्यालय अधीक्षक परवेज को निलंबित किये जाने की सूचना है. बताया जाता है कि रेलवे में अलग-अलग आयोजनों में रेलमंत्री, महाप्रबंधक, रेलवे बोर्ड अध्यक्ष से लेकर सदस्य आदि के दौरे होते है. इन आयोजनों के दौरान सत्कार, भोजन, बैठक, मंच आदि पर यह राशि खर्च की गयी है. रतलाम रेलमंडल के जनसंपर्क अधिकारी से इस मामले में जानकारी लेने का प्रयास किया गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो सके.
30 लाख से अधिक की गड़बड़ी के मामले में सीधे तौर पर वाणिज्य विभाग के आला अधिकारियों पर कार्रवाई की दिशा तय की जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं कर एक कर्मचारी को निलंबित कर कार्रवाई की खानापूर्ति कर दी गयी. अब इस मामले को गोलमाल करने की तैयारी चल रही है.
हालांकि आयोजन पर होने वाला खर्च वाणिज्य विभाग के आला अधिकारियों की जानकारी में हआ है लेकिन इसका गाज गिरी है प्रभारी कार्यालय अधीक्षक परवेज खान पर. उन्हें निलंबित किया जा चुका है. आकस्मिक रूप से अन्य खर्च के लिए राशि जारी करने का काम इसी विभाग पर होता है जिसके प्रभारी परवेज खान है. विजिलेंस की जांच में 30 लाख की गड़बड़ी की बात सामने आयी है. आयोजन के लिए रेलवे के अलग-अलग विभाग द्वारा तैयारी के लिए पैसा निकाला गया है. आयोजन के बाद खर्च का बिल लगाकर शेष राशि जमा करने का प्रावधान है. लेकिन बिल में हेराफेरी और बोगस बिल लगाकर इस खर्च को बढ़ा दिया गया है. यह माना जाता है कि इसकी जानकारी रेलमंडल के आला अफसरों को भी होती थी. लेकिन इसे लेकर आंख बंद रखी गयी. विजिलेंस ने 2017 से अब तक हुए आयोजनों को जांच मे लिया तक यह बात सामने आयी.
अब तक जो बातें सामने आयी है उसके अनुसार मुंबई विजिलेंस इंस्पेक्टर गरुड़ कुमार सहित अन्य ने सितंबर अंत में रतलाम में यह गड़बड़ी को पकड़ा था. जांच के दौरान भुगतान की फाइलों को जब्त किया गया तो मामला सामने आया. इसके बाद मंडल मुख्यालय के वरिष्ठ अफसर इस केस को खत्म करने के लिए पैरवी कर रहे हैं. 30 लाख से अधिक की गड़बड़ी के मामले में सीधे तौर पर वाणिज्य विभाग के आला अधिकारियों पर कार्रवाई की दिशा तय की जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं कर एक कर्मचारी को निलंबित कर कार्रवाई की खानापूर्ति कर दी गयी.
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