आगरा. रेल मंडल ने चूहों पर नियंत्रण करने के लिए 24 लाख 38 हजार रुपये से अधिक के टेंडर निकाले हैं. दरअसल, आगरा कैंट स्टेशन, आगरा फोर्ट स्टेशनों के यार्ड और पार्सल घरों में चूहे खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं. रेलवे की पटरियों को भी चूहे खोखला कर रहे हैं. आगरा कैंट स्टेशन के यार्ड में हजारों की संख्या में चूहों ने बिल बना रखे हैं. इतना ही नहीं वाशेबिल एप्रॉन यानी स्टेशन के आधा किलोमीटर तक के हिस्से के पक्का होने के बाद भी चूहों ने यहां बिल बना रखे हैं. आगरा फोर्ट स्टेशन पर हालात ज्यादा खराब हैं. यहां भी रेलवे ट्रैक से लेकर यार्ड तक चूहे मुसीबत का सबब बने हुए हैं.
चूहे अकसर ही रेलवे की वायरिंग को काट जाते हैं. आगरा कैंट और फोर्ट के पार्सलघरों में भी चूहे नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसी तरह एसी कोचों की सीटों, कंबल, चादरों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. यह कोच कैरिज एंज वैगन (सी एंड डब्ल्यू) में मेंटिनेंस के लिए जाते हैं. इसी दौरान चूहे कोचों में घुसकर नुकसान पहुंचा रहे हैं. चूहों पर नियंत्रण के लिए आगरा रेल मंडल ने आगरा कैंट, आगरा फोर्ट और मथुरा में चूहों पर नियंत्रण करने के लिए 2438352 लाख रुपये का टेंडर किया है. आगरा रेल मंडल के पीआरओ एसके श्रीवास्तव ने बताया कि विभाग समय समय पर चूहों के नियंत्रण के लिए एजेंसियों को जिम्मेदारी देता है.
चूहों ने रेलवे यार्डों को खोखला कर दिया है. यहां ट्रेनों के कोचों की साफ सफाई होती है. गंदगी भी यहीं फैलती है. इस कारण सबसे ज्यादा चूहे यार्ड और पार्सलघर में ज्यादा पनप रहे हैं.
आगरा कैंट, आगरा फोर्ट, राजा की मंडी और ईदगाह रेलवे स्टेशनों पर बंदरों के झुंड रहते हैं. कई दफा यात्रियों को बंदर काटकर घायल कर चुके हैं. आगरा फोर्ट और राजा की मंडी में बंदरों ने रेलवे पुल कब्जा रखे हैं. इन पर नियंत्रण के लिए पूछे जाने पर उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी का कहना था कि बंदरों की समस्या से निपटने को फिलहाल कोई इंतजाम नहीं है. उन्होंने बंदरों पर नियंत्रण के सवाल पर कहा, बंदरों से कोई समस्या नहीं है.
सोर्स : अमर उजाला