- आंध्र प्रदेश के विजयावाड़ा में ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) का 23वां बीजीएम आयोजित
- तीन दिन तक चले अधिवेशन सह स्वर्ण जयंती समारोह में रेलवे व लोको पायलटों की वर्तमान स्थिति पर हुआ गहन मंथन
- नयी कमेटी में एमएन प्रसाद को अध्यक्ष, केसी जेम्स को जेनरल सेक्रेटी, मोहन चंद्र पांडेय को कोषाध्यक्ष बनाया गया
- टाटानगर के पारस कुमार को Asst. Secretary General का मिला दायित्व, 76 सदस्यीय कमेटी की घोषणा
VIJAYAWADA : आंध्र प्रदेश के विजयावाड़ा में आयोजित ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) के 23वीं केंद्रीय बीजीएम के अंतिम दिन 30 नवंबर बुधवार को सर्वसम्मति से रेलवे में निजीकरण का विरोध और श्रम कोड पर संघर्ष करने का प्रस्ताव पारित किया गया. तीन दिन तक चले अधिवेशन सह स्वर्ण जयंती समारोह में वक्ताओं ने रेलवे की वर्तमान स्थिति को गंभीर चिंता का विषय बताया. नेताओं ने निजीकरण, आउटसोर्सिंग को बंद करने और रेलवे में रेलवे संपत्तियों की बिक्री को बंद करने का सरकार से अनुरोध किया.
नेताओं ने नये श्रम श्रम को मजदूरों के शेाषण का हथियार करार दिया. अधिवेशन के अंतिम दिन पारित प्रस्तावों में कार्यप्रणाली में सुधार, डयूटी ऑवर घटाने, सुरक्षा पर ध्यान बढ़ाने, तकनीकी बदलाव में लोको पायलटों पर बढ़ रहे मानसिक दबाव को कम करने की मांग की गयी. इस दौरान नयी कमेटी का भी गठन किया गया. इसमें सर्वसम्मति से एमएन प्रसाद को अध्यक्ष, केसी जेम्स को जेनरल सेक्रेटी, मोहन चंद्र पांडेय को कोषाध्यक्ष चुना गया. इसके अलावा 76 सदस्यों वाली कार्यसमिति की घोषणा की गयी.
इससे पहले 28 नवंबर को विजयावाड़ा में AILRSA के 23वीं केंद्रीय बीजीएम का उदघाटन श्रमिक नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद व सीटू के राष्ट्रीय महासचिव तपन सेन ने किया. उन्होंने रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया. जो रेलवे पार्सल कार्यालय से जिमखाना ग्राउंड तक गयी. इसके बाद जिमखाना मैदान में सभा का आयोजन किया गया. तीन दिनों तक चले ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) के अधिवेशन में नेताओं ने सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली. निजीकरण, आउटसोर्सिंग प्रणाली और रेलवे संपत्तियों की बिक्री को तत्काल बंद करने का अनुरोध किया.
प्राइवेटाइजेशन देश को काफी नुकसान पहुंचाने वाला कदम है. बढ़ते निजीकरण के कारण संगठन धीरे-धीरे निजी हाथों में जा रहें हैं. AILRSA इसमेंप्रभावशाली भूमिका निभा सकता है. सरकार कर्मचारी विरोधी नीतियों का विरोध करें और राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका निभाये.
बासुदेब आचार्य, पूर्व सांसद और संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष, भारतीय रेलवे
अधिवेशन में एमएलसी केएस लक्ष्मण राव ने रेलवे में कर्मचारियों को कम करने के लिए सरकार को दोषी ठहराया और कर्मचारियों से निजीकरण के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया. AILRSA के केंद्रीय उपाध्यक्ष टी हनुमैया और निवर्तमान महासचिव एमएन प्रसाद ने मांग की कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए क्रैक स्पेशल चलाए कि वे मुख्यालय तक पहुंचें, छुट्टी मंजूर करें, साप्ताहिक अवकाश दें, रनिंग स्टाफ को ‘गहन श्रेणी’ के तहत घोषित करें और रिक्तियों को भरें. नेता हरिलाल, पीएस सूर्या प्रकाशम और राजीब गुप्ता ने केंद्र से राष्ट्रीय पेंशन योजना को खत्म करने और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, महिला लोको पायलटों के लिए सुविधाएं प्रदान करने और रनिंग स्टाफ के लिए दो दिनों के लिए लगातार रात्रि ड्यूटी को प्रतिबंधित करने की अपील की.
अधिवेशन के बाद पारित प्रस्तावों में रेलवे की कार्यप्रणाली में सुधार करने, डयूटी आवर घटाने, सुरक्षा पर जोर देने, तकनीकी चेंज में लोको पायलटों पर पड़ने वाले मानसिक दबाव को कम करने, उन्होंने छोटी-मोटी चूक पर चार्जशीट और रिमूव फ्रार्म सर्विस का दंड देने की प्रक्रिया में बदलाव करने, लोको पायलटों को 4800 का और सहायक लोको पायलट को 4200 का ग्रेड पे देने समेत कई मांगें शामिल की गयी. इन मांगों को रेलवे बोर्ड के समझ रखा जायेगा. अधिवेशन में ऑल इंडिया डिफेंस इम्पलाई एसोसिएशन के जेनरल सेक्रेटरीटी श्रीकुमार, दक्षिण रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के एस हरिलाल, एनएफआईआर और एआईआरएफ के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.
ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) की नयी कमेटी
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