- छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले की युवतियों को काम के बहाने दूसरे शहर ले जाया जा रहा था
RAIPUR. राजनांदगांव रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ की टीम ने शहर से बाहर ले जायी जा रही 16 युवतियों को रोककर प्रशासन के हवाले कर दिया. इन युवतियों को काम करने के लिए एक युवक लेकर जा रहा था. यह माना जा रहा है कि युवतियां Human Trafficking की शिकार बन सकती थी लेकिन समय रहते आरपीएफ ने पहले कर उन्हें बाहर ले जाने से रोक दिया और प्रशासन की टीम ने युवतियों को उनके परिजनों को हवाले करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इनमें 12 को परिजनों को सौंप दिया गया है.
परिजनों को नहीं थी युवतियों के बाहर जाने की खबर
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले की 16 युवतियों को काम के बहाने दूसरे शहर ले जाने के मामले में बड़ी बात यह सामने आयी है कि इनके परिजनों को इसकी कोई जानकारी नहीं थी. शनिवार की रात युवतियां बस से राजनांदगांव रेलवे स्टेशन पहुंचीं थी. यहां से उन्हें ट्रेन से बर्घरा कुंडा निवासी उगेश चंद्राकर तमिलनाडू के बेंगलुरु ले जा रहा था. पुलिस अब उगेश चंद्राकर से पूछताछ पूरे नेटवर्क का पता लगा रही है.
आरपीएफ की पूछताछ में बतायी अलग-अलग कहानी
आरपीएफ ने युवतियों से पूछताछ की तो सभी का अलग-अलग जवाब था. इसके बाद शक होने पर युवतियों को रोक लिया गया. बड़ी बात यह सामने आयी कि युवतियों के ले जाने की सूचना गांव के पंचायत व संबंधित थाना को भी नहीं थी. इसके लिए युवतियों के अभिभावकों से भी सहमति नहीं ली गई थी. अब पकड़ा युवक पूरे मामले में मौन साधे हुए है. युवतियों की उम्र 18 से 22 वर्ष है.
सभी युवतियां कवर्धा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की रहने वाली हैं. युवक ने उन्हें एजेंसी में काम दिलाने का वादा किया था. पुलिस यह पता लगा रही है कि युवतियों को कौन सी एजेंसी में ले जाया जा रहा था. चार युवतियों को सखी सेंटर भेजा गया है. पुलिस पकड़ गये युवक के बारे में पूरी जानकारी जुटा रही है. पुलिस ने युवक को भी उसके परिजनों को सौंप दिया गया है. इस मामले में युवक पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
युवतियों की की जायेगी काउंसेलिंग
सखी सेंटर के समन्वयक गायत्री साहू ने मीडिया से बताया कि 16 युवतियों को सखी सेंटर में रखा गया था. सुबह अभिभावकों के आने के बाद 12 युवतियों को उनके हवाले कर दिया गया. चार युवतियों को कवर्धा की टीम आकर ले जाएगी. युवतियों की काउंसेलिंग कर पूरी बात पता की जायेगी.